Poem – Dharti ke dard ki kahani, ek maa ki zubaani

Motorisation and declining walking share
था जब तू झोटा सा बच्चा, ऊँगली पकड़ के चलाती थी
तेरे पैरो में पायलो की छनछन, सुन्दर ध्वनि बजाती थी
वो नन्हे पैरो की छनछन, आज सुनाई ना देती है
अब तो तेरी पहियों की गाड़ी, रौंध के मुझको रख देती है !

Air Pollution

Air pollution and respiratory diseases
आता था सुद्ध हवा का झोका, पंखा जब मै ढुलाती थी
देख के तेरी मुस्कान को, रूह मेरी खुश हो जाती थी
हवा तो अब जो मैली कर दी है, अब वापस न धुल पायेगी
यही चला तो एक दिन तुझको भी, खून की खासी आएगी !

Deforestation linked with air pollution, less rain, flooding and loss to farmers
बारिश की बौछार में, छमछम भागा करता था
एकदम मोरनी के जैसे, तू भी नाचा करता था
मोरनी तो अब रूठ गयी है, अब दोबारा ना नाचेगी
डर लगता है बारिश भी क्या, कल वापस लौट के आएगी !
सावन में बरगद के पेड़ पर, झूला डाला जाता था
ऊपर नीचे ऊपर नीचे, खेल को खेला जाता था
बरगद बाबा को तो काट दिया तूने, बंजर अब ये बागान है
कही प्रदुषण कही बाढ़ तो, कही किसान परेशान है !

deforestation

Yamuna water pollution due to industries
द्वापर युग में कालिया नाग ने, यमुना विषैली बनायीं थी
कालिया वध कर गोविन्द ने , जल की निर्मलता वापस लायी थी
कालिया जो तो बना पड़ा है, अब गोविन्द भी ना बचा पायंगे
कारखाने जल प्रदूषित करते रहे तो, हम प्यासे मर जायेंगे !

(mother earth expressing its pain)
पंच तत्वा को जोड़ के , मैंने तुझे बनाया है
नौ महीने कोख में, मैंने तुझे सुलाया है
मैंने क्या कु छ भूल करी है, कष्टः मुझे अब देता है
माँ हु न सेह लेती हु पर, दर्द मुझे भी होता है !

Water Pollution

Author Bio: Shantanu is a graduate in planning from SPA Vijayawada. He has worked with the Centre for Science and Environment, New Delhi, assisted several research and advocacy works related to sustainable mobility. He is an avid writer and loves to articulate his thoughts in the form of writing.